Assembly Election 2024: बीजेपी ने गोंदिया के निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल और उनके समर्थकों का निलंबन पांच साल बाद रद्द कर दिया है। इससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि विनोद अग्रवाल संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। 2019 के चुनावों में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए पूर्व विधायक, एक महीने पहले अपनी मूल पार्टी में लौट आए हैं। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि गोंदिया में एक बार फिर ‘अग्रवाल बनाम अग्रवाल’ मुकाबला होगा।2019 के चुनावों में कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिससे निष्ठावान कार्यकर्ताओं के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं। विनोद अग्रवाल, जो गोंदिया जिले के बीजेपी कार्यकर्ता रहे हैं, की उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही थी। जैसे ही चुनावी सरगर्मी शुरू हुई, तत्कालीन कांग्रेस विधायक गोपाल अग्रवाल बीजेपी में शामिल हो गए, और उनकी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी गई। इससे विनोद अग्रवाल को गहरा आघात पहुंचा, और उन्होंने गोपाल तथा अन्य को मौका देने वाले बीजेपी नेताओं को सबक सिखाने का फैसला किया।
विनोद अग्रवाल ने चुनाव से हटने से इनकार कर दिया, और उनके साथ कई बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक भी थे। गोपाल अग्रवाल, जो गोंदिया से तीन बार विधायक रह चुके थे, को करारी हार का सामना करना पड़ा। उनके पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को भी दिक्कत हुई, और अमर वरहाड़े को बिना तैयारी के मनोनीत किया गया। गोंदिया के मतदाताओं ने गोपाल अग्रवाल को हराकर यह साबित कर दिया कि उन्होंने धोखा दिया था।अब बीजेपी ने अपनी गलती सुधारते हुए विनोद अग्रवाल और उनके समर्थकों का निलंबन वापस लिया है। इसके साथ ही, यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस के खिलाफ लड़ने के लिए बीजेपी के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है। कांग्रेस के कई नेता बीजेपी छोड़कर अपनी मूल पार्टी में लौट रहे हैं। हालांकि, यह बीजेपी के लिए चिंता का विषय है, लेकिन कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। गोंदिया में बीजेपी कार्यकर्ता अब यह मानने लगे हैं कि पार्टी ने निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अहमियत समझ ली है।