2024 के विधानसभा चुनावों की घोषणा जल्द ही होने वाली है, और सभी की नजर इस पर है। महायुती और महाविकास अघाड़ी के बीच सीटों के बंटवारे का काम अंतिम चरण में है। महायुती में सीटों के बंटवारे पर कोई मतभेद नहीं है, लेकिन बीजेपी ने कम से कम 160 सीटों की मांग की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सुझाव दिया है कि लोकसभा चुनाव में स्ट्राइक रेट के अनुसार सीटें आवंटित की जाएं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनुकाले ने हाल ही में कहा कि जीत की संभावना ही उनका फॉर्मूला होगा। उन्होंने यह भी बताया कि महागठबंधन के तीनों नेता जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीटों के बंटवारे की घोषणा करेंगे। हालांकि, नई जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 160 सीटों पर चुनाव लड़ा और 105 सीटें जीतीं, वही सीटें बीजेपी अब फिर से चाहती है।
अजित पवार की एनसीपी अब शिवसेना के साथ मिलकर महायुती में शामिल हो गई है, जिससे सीटों के बंटवारे में समस्याएं बढ़ गई हैं। हर पार्टी अपने लिए अधिक सीटें चाहती है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चालीस विधायकों के साथ महायुती में कदम रखा, और अजित पवार ने भी ऐसा ही दावा किया।
हालांकि, यह भी सामने आया है कि लोकसभा चुनाव में एनसीपी के वोटों से बीजेपी को खास फायदा नहीं हुआ। इसलिए, एनसीपी को गठबंधन में शामिल करने की मांग उठ रही है। महायुती के नेता एक साथ मिलकर लड़ने पर अड़े हुए हैं, और कार्यकर्ताओं के बीच अब स्थिति काफी स्पष्ट हो चुकी है। इस बदलाव से विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने की संभावना जताई जा रही है।