शिवसेना नेता रामदास कदम ने हाल ही में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर “शैतानी महत्वाकांक्षाओं” वाले गठबंधन को तोड़ना है, तो वे इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने यह चुनौती दी कि “आप अपनी लड़ाई लड़ें, हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे,” यह संकेत देते हुए कि लोकसभा चुनावों में कोंकण की सीटें शिवसेना की हैं।
इस पर बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने स्पष्ट किया कि “अगर गठबंधन तोड़ना पड़े, तो हम भी तैयार हैं।” उन्होंने रामदास कदम के बयान को अपरिपक्व करार देते हुए कहा कि इस मुद्दे का समाधान शिंदे और फडणवीस के साथ मिलकर किया जा सकता था। दरेकर ने कहा कि महायुति के दौरान धर्म का पालन होना चाहिए और बीजेपी कार्यकर्ताओं की बेचैनी को समझना आवश्यक है।
रामदास कदम ने मुंबई-गोवा हाईवे के मुद्दे पर भी अपनी नाराजगी जताई, यह कहते हुए कि पिछले 14 वर्षों से इस परियोजना का काम नहीं हो रहा है। उन्होंने रवींद्र चव्हाण को अप्रभावी मंत्री बताया और फडणवीस से उनकी बर्खास्तगी की मांग की। कदम ने कहा कि दापोली में बीजेपी कार्यकर्ताओं का सहयोग नहीं मिला, और उन्होंने इस मामले में फडणवीस को पत्र भी लिखा है।
कदम ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करते हुए सवाल किया कि “हमने कौन सा पाप किया है कि मुंबई-गोवा राजमार्ग का काम 14 वर्षों में भी पूरा नहीं हुआ?” उन्होंने कहा कि रवींद्र चव्हाण को शिवसेना से एलर्जी है, जो उनकी आलोचना का कारण है।
कदम का कहना है कि “गठबंधन की जरूरत सिर्फ बीजेपी को नहीं है; सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।” यह विवाद अब महायुति के भीतर गहराता जा रहा है, और आगे देखना होगा कि इस राजनीतिक खींचतान का क्या परिणाम निकलता है।