लोकल नेताओ की धडकने बढ़ी
Local Body Election: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चूंकि राज्य और केंद्र में भाजपा की सत्ता है, पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस अनुकूल माहौल में चुनाव Local Body Election होने चाहिए। हालांकि, अदालत से अभी तक अंतिम निर्णय नहीं आया है। अगली सुनवाई 25 फरवरी को होने वाली है, जिससे उम्मीदें बढ़ गई हैं। सवाल यह है कि क्या अदालत इस दिन अंतिम फैसला सुनाएगी और चुनावों का रास्ता साफ होगा?
चुनाव की घोषणा से बढ़ी चिंता
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने अप्रैल में स्थानीय निकाय चुनाव कराने Local Body Election की घोषणा की है, जिससे संभावित उम्मीदवारों की चिंता बढ़ गई है। इस बीच, ‘ओबीसी’ आरक्षण और पार्षदों की संख्या को लेकर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। इन याचिकाओं पर पिछले डेढ़ साल से सुनवाई चल रही है, और अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी।
चुनाव प्रक्रिया में देरी की आशंका
चुनाव आयोग को चुनाव अध्यादेश तैयार करने, वार्डों का मसौदा बनाने, आपत्तियां आमंत्रित करने, अंतिम रूप देने, मतदाता सूचियों को विभाजित और अंतिम रूप देने के बाद आचार संहिता लागू करनी होती है। ऐसे में अगर अदालत में सुनवाई कुछ महीने और चलती रही, तो अप्रैल-मई में चुनाव कराना मुश्किल हो जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर केंद्र सरकार जनगणना कराकर नई जनसंख्या के आधार पर चुनाव कराने का निर्णय लेती है, तो वार्डों के परिसीमन और सदस्यों की संख्या में बड़े बदलाव होंगे। इससे चुनाव प्रक्रिया में और देरी हो सकती है, और चुनाव अगले दो साल तक नहीं हो पाएंगे। कुछ जानकारों का मानना है कि ये चुनाव 2027 तक टल सकते हैं।
बावनकुले की भविष्यवाणी से कार्यकर्ता सक्रिय
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने हाल ही में पिंपरी-चिंचवड़ में कहा, “नगर निगम को लंबे समय तक पार्षदों के बिना नहीं रहना चाहिए। हम चुनाव जल्द कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से शीघ्र निर्णय की मांग करेंगे। यदि फरवरी में निर्णय आता है, तो चुनाव अप्रैल में हो सकते हैं। राज्य चुनाव आयोग की घोषणा के बाद महाराष्ट्र सरकार पूरी जनशक्ति उपलब्ध कराएगी।”उनकी इस घोषणा से कार्यकर्ताओं में एक बार फिर हलचल मच गई है और चुनाव की तैयारी में तेजी आ गई है।
चुनावी रणनीति और सक्रियता
भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने के लिए विभिन्न पार्टी कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। इस समय राज्य में सदस्यता पंजीकरण अभियान चल रहा है, जिसमें 1.5 करोड़ सदस्यों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। जो कार्यकर्ता 1,000 सदस्यों का पंजीकरण करेगा, उसे प्रदेश अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित प्रशंसा प्रमाण पत्र मिलेगा। इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह है और वे जी-जान से जुटे हुए हैं।
विश्वासमत ब्युरो का निष्कर्ष
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अदालत के फैसले और संभावित जनगणना के कारण चुनाव प्रक्रिया में देरी हो सकती है। हालांकि, भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाए रखा है और चुनावी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अब सबकी नजरें 25 फरवरी की सुनवाई पर टिकी हैं, जो चुनावों की दिशा तय करेगी।