नांदेड़ के पुलिस कर्मी द्वारा युवती से छेड़छाड़, घटना से महाराष्ट्र में गुस्सा
नांदेड़ से देवगढ़ घूमने आए एक पुलिस कर्मी पर एक युवती से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है, जिससे महाराष्ट्र में गुस्से की लहर दौड़ गई है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाते हैं, तो नागरिकों में असुरक्षा और आक्रोश बढ़ता है। घटना के बाद स्थानीय नागरिकों ने आरोपी की पिटाई की और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
देवगढ़ एसटी स्टैंड के पास, एक युवती के साथ छेड़छाड़ और अपहरण के प्रयास के आरोप में देवगढ़ पुलिस स्टेशन में हरिराम मारुति गीते (33, निवासी शेलाली, जिला कंदार, नांदेड़) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से चार संदिग्ध पुलिस सेवा में हैं। यह घटना 24 सितंबर को शाम करीब 5.30 बजे हुई। पुलिस ने संदिग्ध आरोपियों को देवगढ़ कोर्ट में पेश किया, जहां सभी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
नितेश राणे ने देवगढ़ पुलिस थाने का दौरा कर मामले का जायजा
विधायक नितेश राणे ने देवगढ़ पुलिस थाने का दौरा कर मामले का जायजा लिया. मंगलवार की शाम वह एसटी स्टैंड से होते हुए देवगढ़ बाजार की ओर जा रहा था. ऐसे में पीड़िता अपने घर लौट रही थी. संदिग्ध आरोपी ने युवती को देखा और आनंदवाड़ी की ओर जाने वाली सड़क पर मोड़ पर कार रोक दी।
कार में सवार संदिग्ध हरिनाम गीते ने पीड़िता का पता पूछने के बहाने उसका हाथ पकड़ लिया और पूछा, ‘क्या तुम मेरे साथ आ रही हो?’ उसके बाद सफेद रंग की इनोवा कार से संदिग्ध माधव केंद्र, सतवा केशव केंद्र, श्याम गीते, शंकर गीते, प्रवीण रानाडे ने उसका पीछा किया और पीड़ित पर ताना मारा। ‘उसे कार में ले चलो, बाद में जो होगा देखा जाएगा’ कहकर उसने पीड़िता को कार से उतारकर अवैध रूप से बंधक बनाकर गंभीर चोट पहुंचाने के इरादे से उसका अपहरण करने की कोशिश की।
भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज
पीड़ित लड़की ने देवगढ़ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें संदिग्धों हरिनाम गीते, माधव सुगराव केंद्र, सतवा केशव केंद्र, श्याम बालाजी गीते, शंकर संभाजी रानाडे, और प्रवीण विलास रानाडे के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 74, 75 (2), 140 (1), 140 (3), 140 (4), 62, और 3 (5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सभी संदिग्धों को देवगढ़ पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। संदिग्धों की ओर से एडवोकेट श्यामसुंदर जोशी ने मामले का अवलोकन किया। घटना की आगे की जांच पुलिस इंस्पेक्टर अरुण देवकर कर रहे हैं।
इस घटना में चार पुलिस कर्मी शामिल थे, जिसने पुलिस की छवि पर एक दाग लगाया है। स्थानीय ग्रामीणों और महिलाओं ने संदिग्धों को सड़क पर बैठाकर उनकी पिटाई की, जिसका एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।