’23 नवंबर’ दिन घोषित होंगे ‘युति की अघाड़ी’ के नतीजे !
Vidhansabha Election 2024 : महाराष्ट्र में 2019 से 2024 तक राजनीतिक घटनाक्रमों ने एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया है। सरकार के तख्तापलट और पार्टी विभाजन के बाद, अंततः विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में जनता किसे अपना मत देती है।
चुनाव का कार्यक्रम:
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनाव आयोग ने दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इस बार राज्य में एक ही चरण में मतदान होगा। चुनाव 20 नवंबर को होंगे, और वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। जैसे ही चुनाव का ऐलान हुआ, राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है।
नामांकन प्रक्रिया:
नामांकन फॉर्म 29 अक्टूबर तक भरे जा सकते हैं, और इनका परीक्षण 30 अक्टूबर को होगा। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि नामांकन फॉर्म 4 नवंबर तक वापस लिए जा सकते हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि:
2019 के विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र में कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव आए। शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई। लेकिन ढाई साल बाद, एकनाथ शिंदे ने कुछ विधायकों के साथ बगावत कर दी, जिससे महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा।इसके बाद, बीजेपी और एकनाथ शिंदे ने मिलकर नई गठबंधन सरकार बनाई। शिंदे के गुट को ‘धनुष्यबन’ चुनाव चिह्न और ‘शिवसेना’ नाम मिला। इसके अलावा, अजित पवार ने जुलाई 2023 में कुछ विधायकों के साथ महागठबंधन सरकार को ‘समर्थन’ दिया, और उनकी पार्टी को चुनाव आयोग ने ‘राष्ट्रवादी’ नाम और ‘घड़ी’ चिह्न दिया।अब महाराष्ट्र के मतदाता इस राजनीतिक उठापटक के बीच अपने भविष्य का निर्णय लेने के लिए तैयार हैं।
इस बार के चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी की कुल छह पार्टियां एक-दूसरे को टक्कर देने वाली हैं। ‘राष्ट्रवादियों’ और ‘शिवसेना’ के बीच विभाजन के बाद, महाविकास अघाड़ी ने लोकसभा चुनाव में 31 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन को केवल 17 सीटों पर संतोष करना पड़ा।लोकसभा में ‘440 वोल्ट’ के झटके के बाद, महायुति ने कई नई योजनाओं की घोषणाएं कीं, जैसे ‘लड़की बहन’ और ‘लड़का भाऊ’। अब जबकि चुनावी बिगुल बज चुका है, यह स्पष्ट होगा कि चुनावी रणभूमि में महायुति या महाविकास अघाड़ी में से किसकी जीत होती है।
2019 की स्थिति:
- बीजेपी: 105 विधायक
- तत्कालीन शिवसेना: 56 विधायक
- एनसीपी: 54 विधायक
- कांग्रेस: 44 विधायक
- स्वतंत्र: 13 विधायक
- अन्य: 16 विधायक
पार्टी विभाजन के बाद की स्थिति:
- बीजेपी: 105 विधायक
- शिवसेना (शिंदे ग्रुप): 40 विधायक
- एनसीपी (अजितदादा पवार): 42 विधायक
- कांग्रेस: 44 विधायक
- शिवसेना (ठाकरे ग्रुप): 16 विधायक
- एनसीपी (शरद पवार): 12 विधायक
अब देखना है कि इस राजनीतिक परिदृश्य में मतदाता किसे चुनते हैं।