Budget 2025 : बजट दिशाहीन और भ्रामक, आम जनता को कोई राहत नहीं ; सांसद डॉ. प्रशांत पडोले लोकसभा में 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भंडारा-गोंदिया से कांग्रेस सांसद डॉ. प्रशांत पडोले ने इसे दिशाहीन, भ्रामक और आम जनता के लिए निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट Budget 2025 पूरी तरह से पूंजीपतियों और कॉरपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है, जबकि गरीब, किसान, युवा, मजदूर और छोटे व्यापारी इससे वंचित रहेंगे।
1. महंगाई और बेरोजगारी पर कोई ठोस उपाय नहीं
डॉ. पडोले ने कहा कि देश में महंगाई चरम पर है और बेरोजगारी की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। लेकिन बजट 2025 में महंगाई को नियंत्रित करने या नए रोजगार सृजन के लिए कोई ठोस योजना नहीं दी गई। युवा वर्ग नौकरियों की तलाश में भटक रहा है, लेकिन सरकार केवल स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं का प्रचार कर रही है, जिनका जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं दिख रहा।
2. किसानों के लिए दिखावटी योजनाएं
बजट 2025 में कृषि क्षेत्र के लिए कुछ घोषणाएं की गईं, लेकिन ये केवल औपचारिकताएं प्रतीत होती हैं। किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की कोई बात नहीं की गई। कृषि ऋण में भी कोई बड़ी राहत नहीं दी गई, जिससे किसान कर्ज के बोझ तले दबे रहेंगे।
3. मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं
इनकम टैक्स स्लैब में अपेक्षित बदलाव न करके सरकार ने मध्यम वर्ग को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। Budget 2025 में बढ़ती महंगाई और जीएसटी का बोझ मध्यम वर्ग पर भारी पड़ रहा है, लेकिन सरकार ने उनकी राहत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य बजट में कटौती
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में कटौती की गई है, जिससे सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति और खराब होगी। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाने की घोषणा की गई, लेकिन इसके क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था बनी हुई है।
5. राज्यों के साथ भेदभाव
राज्यों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने की घोषणा की गई, लेकिन यह राशि राज्यों की वास्तविक जरूरतों की तुलना में बहुत कम है। Budget 2025 को देखते हुए, यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार संघीय ढांचे को कमजोर करने और राज्यों की वित्तीय स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है।
6. रेलवे और बुनियादी ढांचे में पक्षपात
रेलवे बजट को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गईं, लेकिन भंडारा-गोंदिया जैसे पिछड़े इलाकों में रेलवे सुविधाओं में कोई सुधार नहीं होगा। Budget 2025 में हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन और मेट्रो विस्तार की घोषणाएं तो की गईं, लेकिन आम जनता के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने, समय पालन में सुधार और सुरक्षा उपायों की अनदेखी की गई।
7. लघु और मध्यम उद्योगों की अनदेखी
एमएसएमई सेक्टर को राहत देने के लिए कुछ घोषणाएं की गईं, लेकिन इनके लिए कोई ठोस आर्थिक पैकेज नहीं दिया गया। छोटे व्यापारियों और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कर्ज की सुविधा तो दी गई, लेकिन उनकी वसूली में कोई राहत नहीं दी गई, जिससे यह सेक्टर कमजोर हो सकता है।
आम जनता के साथ धोखा – डॉ. प्रशांत पडोले
सांसद डॉ. पडोले ने कहा कि जब बजट पेश किया जा रहा था, तब उनकी आंखों के सामने भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र के गरीब मजदूर, छोटे व्यापारी, बेरोजगार युवक एवं महिलाएं थीं, जो कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं। वह बजट में अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कुछ सकारात्मक बदलाव ढूंढ रहे थे, लेकिन उन्हें घोर निराशा हाथ लगी।
यह बजट Budget 2025 केवल एक औपचारिकता भर लगती है। इसमें कॉरपोरेट जगत का प्रभाव साफ झलकता है। यह आम जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता, बल्कि बड़े उद्योगपतियों और कॉरपोरेट सेक्टर को खुश करने का प्रयास है। सरकार को चाहिए कि वह विपक्ष और विशेषज्ञों की सलाह को ध्यान में रखते हुए बजट में संशोधन करे, ताकि देश के किसान, युवा, मजदूर और व्यापारी राहत महसूस कर सकें।
डॉ. पडोले ने यह भी कहा कि वह इस बजट के खिलाफ संसद और जनता के बीच आवाज उठाएंगे, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके कि वह आम जनता के हित में फैसले ले।